राशन कटौती के खिलाफ निर्माण यूनियन (सीटू) ने किया प्रखंड कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन

कोडरमा: जनवितरण प्रणाली दुकानों में राशन कटौती के खिलाफ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन (सीटू) के बैनर तले कोडरमा प्रखंड कार्यालय पर किया आक्रोश प्रदर्शन. इससे पूर्व तालाब पार्क से एक जुलूस निकाला गया.

जिसमें राशन कटौती बंद करो, डीलरों पर कार्रवाई करो, कोडरमा जिला को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करो, निर्माण मजदूरों को सुखाड़ राहत की गारंटी करो, निर्माण मजदूरों के लिए रोजगार योजना चालू करो आदि नारे लगाए जा रहे थे. जुलूस प्रखंड कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन व सभा में तब्दील हो गया. नागेश्वर दास की अध्यक्षता में हुई सभा को संबोधित करते हुए निर्माण कामगार यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने कहा कि देश की जीडीपी में लगभग 11% का योगदान करने वाला निर्माण मजदूरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए श्रमाधान पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है और जिसके कारण उनका लेबर कार्ड नहीं बन रहा है और कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं.

राशन डीलरों के द्वारा गरीबों के अनाज की चोरी हो रही है. जगह जगह लाभुक विरोध कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की कार्रवाई नगण्य है. अगर राशन कटौती पर रोक नहीं लगी तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. सीटू के जिला संयोजक रमेश प्रजापति ने कहा कि मजदूर वर्ग की सिर्फ घोर उपेक्षा नहीं बल्कि 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड में बदलकर मजदूरों के कानूनी अधिकारों पर जबरदस्त हमला किया जा रहा है. पिछले 9 वर्षों में इस मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर ज़बरदस्त हमला किया है।

इसके खिलाफ मजदूर वर्ग को एकजुट होकर इस जनविरोधी मोदी सरकार को सत्ता से हटाना होगा. प्रदर्शन के माध्यम से सुखाड़ में निर्माण मजदूरों को अगले छह माह तक दस किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त अनाज व पांच हजार रुपये प्रति माह सुखाड़ राहत राशि देने, निर्माण मजदूरों के लिए रोजगार योजना चालू करने, जनवितरण प्रणाली व्यवस्था में मुफ्त अनाज के साथ पुरानी व्यवस्था एक रूपये किलो अनाज को लागू करने, राशन में कटौती पर डीलर पर कार्रवाई करने आदि मांगों से संबंधित ज्ञापन सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा और वार्ता किया. प्रदर्शन में शम्भु पासवान, राजेन्द्र पासवान, बद्री तुरी, तालेवर दास, सहदेव दास, बालेश्वर राम, मदीना खातुन, उषा देवी, शांति देवी, उर्मिला देवी, रूबी खातुन, प्रभा देवी, बद्री राम सहित सैकड़ों की संख्या में महिला पुरूष शामिल थे।

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